ताल के सामुदायिक स्वास्थ्य कें द्र के पोस्टमार्टम भवन की हालत जर्जर हो रही है। आने-जाने का मार्ग सही नहीं होने से और आश पाश गंदगी का अंबार होने से लोगो को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । वही पोस्टमार्टम भवन सालों पुराने होने से जर्जर हालत में है। पोस्टमार्टम कक्ष की छत से बारिश के दौरान पानी टपकता है। वही छोटे मोटे जीव जंतुओं ने वही अपना निवास कर लिया है जिसके कारण चिकित्सकों को भी पोस्टमार्टम रूम में जाने में भय बना रहता है एवम पोस्टमार्टम के दौरान चिकि त्सकों को इसके गिरने का भी भय बना रहता है। गौरतलब है कि शासन के योजना अनुसार पूर्व में भी शासन ने 2 से 3 वर्ष पूर्व शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य कें द्र को नवीन भवन में शिफ्ट कर दिया था, लेकिन आज दिनांक तक पोस्टमार्टम भवन शिफ्ट नहीं कि या गया। वर्तमान में पोस्टमार्टम भवन नगर के मध्य में स्थित है जिससे आसपास के रहवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है एवं पोस्टमार्टम के लिए लाए गए शव को लाने ले जाने में भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है । शासन का इस ओर ध्यान नहीं गया। इस बारे में शासन को जानकारी है। पीएम करने के लिए डॉक्टरों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से पोस्टमार्टम भवन से डेढ़ से 2 किलोमीटर की दूरी पर होने से
चिकित्सको को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
वहीं ताल के सामुदायिक स्वास्थ्य कें द्र में पोस्टमार्टम भवन नहीं है।:-रात में पोस्टमार्टम नहीं होने से शव को रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। भवन के आसपास गंदगी ही गंदगी हे । भवन की छत एवं दीवारें जर्जर हो गई हैं। ऐसे में इसके गिरने से कभी भी हादसा हो सकता है। बारिश के दौरान ज्यादा दिक्कते आती हैं।
इस और शासन प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए