शिक्षा संस्थान सिर्फ विद्यालय न रहे, संस्कार के केंद्र बने : मंत्री चेतन्य काश्यप
बदनावर । राजेश चौहान ।
चेतन्य ग्राम बदनावर स्थित काश्यप विद्यापीठ का 27वा वार्षिकोत्सव हर्षोउल्लास के साथ मना। इसमें बच्चों ने एक से बढ़कर एक रंगारंग प्रस्तुतियां दी, जिन्हें देखकर हर कोई मंत्र मुग्ध हो गया। कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण से हुई। विद्यार्थियों ने स्वागतम गीत प्रस्तुत किया। अतिथियों ने मेधावी विद्यार्थियों और कार्यक्रम के विजेताओं को पुरस्कृत किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर रही। प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री तथा स्कूल के चेयरपर्सन चेतन्य काश्यप, धार भाजपा जिला अध्यक्ष मनोज सोमानी, खेड़ा सरपंच योगेश मुकाती, न्यायाधीश सीमा धाकड़, एसडीएम दीपक चौहान, तहसीलदार सुरेश नागर, नायब तहसीलदार सुनील पड़ियार, एसडीओपी अरविंद तोमर, शेरसिंह भूरिया, टी आई अमीत सिंह कुशवाह, रतलाम भाजपा जिला अध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय, महापौर प्रहलाद पटेल, निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा के साथ निर्णायक के रूप में श्री गुरु तेग बहादुर स्कूल की प्राचार्य डॉ रेखा शास्त्री एवं सीएम राइज विनोबा स्कूल के वाइस प्रिंसिपल गजेंद्र सिंह राठौर, विद्यालय संचालिका नीता काश्यप, कश्यप स्वीटनर्स के कार्यकारी निदेशक राजीव गोरवाड़ा, संस्था समन्वयक विपिन जैन, संस्था प्राचार्य नंदा व्यास आदि उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि श्रीमती ठाकुर ने इस मौके पर कहा कि जैसे नदी का प्रवाह सही दिशा में मोड़ने पर बहता है, ठीक वैसे ही बच्चों का जीवन होता है। शिक्षक का दायित्व है कि बच्चों को तराश कर रुचि के अनुसार उन्हे शिक्षित करें। जरूरी नहीं कि हर बच्चा शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़े, कोई खेल में तो कोई किसी अन्य विधा में भी आगे आ सकता है, बस उसकी कला को पहचान कर सही दिशा देने की जरूरत है। शिक्षक की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होती है। काश्यप विद्यापीठ बच्चों के सर्वांगीण विकास का काम कर रहा है। बच्चों को संस्कारी बनाने के लिए स्कूल में शिक्षक तो घर पर पालकों की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। आज टीवी, मोबाइल, व्हाट्सएप, फेसबुक में उलझ कर बच्चे समय की बर्बादी कर रहे हैं, माता-पिता को इस पर ध्यान देना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी जी के विकसित भारत के सपने को पूरा करने में सभी के योगदान की आवश्यकता है।
विद्यालय के चेयरपर्सन एवं मंत्री चेतन्य काश्यप ने कहा कि प्राचार्य एवं शिक्षकों के माध्यम से स्कूलों को संस्कारशाला के रूप में बदला जाता है। शिक्षा के संस्थान सिर्फ विद्यालय न रहे और संस्कार के केंद्र बने। ऐसे आयोजनों में बच्चों को किस तरह से संस्कार दिए जा रहे हैं, उसका प्रदर्शन होता है। प्राचीन भारतीय परंपरा में गुरु, शिष्य के संपूर्ण विकास का ध्यान रखते थे। लेकिन अंग्रेजों के शासनकाल में जो नीतियां आई, उन्होंने हमारे संस्कारों को रोका है। विद्यालय के माध्यम से हमने नियमित प्रयास किया है कि बच्चों में संस्कारों के विकास को आगे करें।
काश्यप ने कहा कि संस्कारों के विकास में पालकों की एक बड़ी भूमिका है। बच्चे 5 से 6 घंटे स्कूल में , तो 17 से 18 घंटे परिवार में रहते है। राजगढ़ में सरस्वती शिशु मंदिर के पालकों के लिए जिस तरह कोर्स बनाया गया है, भविष्य में हम भी उसे लागू करेंगे, ताकि बच्चे और अधिक संस्कारवान बनकर नई उपलब्धियां प्राप्त करें और धार जिले व बदनावर क्षेत्र का नाम पूरे देश में रोशन करें।
कार्यक्रम में श्री काश्यप के पौत्र सारांश काश्यप ने अपने तबला वादन से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया।
निर्णायक वाइस प्रिंसिपल गजेंद्र सिंह राठौर एवं प्राचार्य रेखा शास्त्री ने कहा यह प्रोग्राम कभी ना भुलाए जाने वाले कार्यक्रमों में से एक है। श्रीमती नीता काश्यप ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विद्यालय हमेशा से बच्चों के समग्र विकास पर विश्वास रखता आया है और सदैव छात्रों को न केवल एक अच्छा विद्यार्थी बल्कि एक बेहतरीन व्यक्तित्व बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
अच्छी प्रस्तुतियों पर यह हुए पुरस्कृत
सब जूनियर वर्ग में प्रथम पुरस्कार कक्षा एक को चल मेरे घोड़े टिक, टिक, द्वितीय पुरस्कार एलकेजी कक्षा को अक्कड़-बक्कड़ बंबे बो को मिला। बेस्ट आर्टिस्ट सब जूनियर ग्रुप में नर्सरी की अधिश्री गोस्वामी, द्वितीय यूकेजी के रिदम जैन, तृतीय कक्षा एक की वैष्णवी अग्निहोत्री को मिला। सांत्वना पुरस्कार एलकेजी के भौमिक जायसवाल और यूकेजी के इवांशी मूणत को मिला।
जूनियर ग्रुप में प्रथम पुरस्कार कक्षा दूसरी को स्कूल नहीं जाना मम्मा, द्वितीय पुरस्कार कक्षा 5 को छोटे-छोटे तमाशे, बेस्ट आर्टिस्ट कक्षा 3 के प्रांजन रॉय, कक्षा 2 के भव्य पाटीदार, कक्षा 4 के पूर्वी कोल्ते, सांत्वना पुरस्कार कक्षा तीन की आरीनी पाटीदार और कक्षा चौथी के देवम जैन को मिला
जूनियर ग्रुप 2 में प्रथम पुरस्कार तारों में सजके, द्वितीय पुरस्कार आई झुमके वसंत, बेस्ट आर्टिस्ट जूनियर ग्रुप 2 का पहला पुरस्कार संस्कृति पाटीदार, द्वितीय लक्ष्य नाहर, तृतीय अनन्या शर्मा, सांत्वना पुरस्कार नैतिक पाटीदार एवं स्वरा संघवी को मिला।
सीनियर ग्रुप में प्रथम पुरस्कार रैंबो डांस, द्वितीय पुरस्कार शुभारंभ गीत को मिला। बेस्ट आर्टिस्ट में प्रथम लावण्या पालीवाल, द्वितीय मिस्ठी संघवी, तृतीय भव्यम काबरा, सांत्वना पुरस्कार आर्यन वर्मा एवं प्रतीक्षा शर्मा को मिला। बेस्ट आर्टिस्ट में इंडिविजुअल पुरस्कार प्रथम आंचल शर्मा, द्वितीय तृषा नांदेचा, तृतीय श्रीवृंदा कसेरा, सांत्वना पुरस्कार नैंसी सराफ एवं हर्षिता वास्केल को मिला।
बेस्ट ड्रामा आर्टिस्ट में प्रथम पुरस्कार प्रांजल सिसोदिया, द्वितीय अनुष्का मोरे, तृतीय मनस्वी मोदी, सांत्वना पुरस्कार सान्वी पटवा एवं यश्वी जैन को मिला।