



झाबुआ/इंदौर। संजय जैन-स्टेट हेड। भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल में दर्शनार्थियों की संख्या तिरुपति सहित कई अन्यमंदिरों को पीछे छोड़ती जा रही है । उल्लेखनीय है कि दूर दराज से आने वाले दर्शनार्थियों को महाकाल मंदिर प्रशासन के कर्ताधर्ता,तैनात बाउंसर्स सहित व्यवस्था में लगे लोगों का व्यवहार, दर्शनार्थियों के प्रति बेहद खराब रहता है ।वहीं अगर कोई वीआईपी आता हैं (जो आए दिनों आते ही रहते हैं) इन महानुभावों की खातीरदारी में पूरा मंदिर प्रशासन अपने आप को झोंक देता है । जो दर्शनार्थी दूर से आते हैं,उन्हें इन वीआईपी के चक्कर में घंटों बाबा महाकाल के दर्शन की प्रतिक्षा करना पड़ती है।
वीआईपी लोगो से महाकाल भक्त बुरी तरह परेशान होते है… दर्शनार्थी प्रदीप जैन ने बताया कि कल शुक्रवार को भी वीआईपी लोगो से महाकाल भक्त बुरी तरह परेशान होते रहे। इन वीआईपीयो को चाँदी द्वार से प्रवेश दिया गया और आम दर्शनार्थियों को वीआईपी की वजह से धक्का देकर बाहर निकाला गया। आरती के दौरान नंदी हॉल, गणेश मंडपम और कार्तिकेय मंडपम में जनप्रतिनिधि, अधिकारी और उनके परिवार पहले से ही बैठ गए थे।जिससे दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं को दर्शन का मौका नहीं मिला। दर्शनार्थी नाराजगी जाहिर करते हुए चिल्ला रहे थे कि हम काफी लंबा सफर तय करके बाबा महाकाल के दिव्य दर्शन हेतु यहाँ पहुचे है और गार्ड हमें धक्के देकर हटा रहे है।गौरलतब है कि वीआईपी लोगों ने पूरा मंदिर घेर रखा था।चूंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री उज्जैन निवासी हैं उन्हें अब इस मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेना होगा,ऐसा मेरा मानना है। मन को विशाल करना होगा..
महाकाल लोक बनने और मंदिर परिसर को विशाल करने के बाद इन कर्ताधर्ताओ को आम दर्शनार्थियों के लिए मन को विशाल करना होगा,जिससे दर्शनार्थियों को बाबा महाकाल के दर्शन सहज और सुलभ हो सके। फ़ोटो 01
