



झाबुआ।संजय जैन-स्टेट हेड। शहर के युवा कलाकार अजीत सिंह राठौर इन दिनों आदिवासी लोकगीतों को आधुनिक संगीत में लयबद्ध कर विश्व पटल पर लाने का प्रयास कर रहे है। इस काम में स्थानीय कलाकारों को भी अपनी कला के प्रदर्शन का अवसर मिल रहा है। म्यूजिक लॉन्चिंग अवसर पर मुंबई से देव डी और उड़ता पंजाब जैसी फ़िल्म के गीतकार शैली, गुजराती एवं हिंदी हिट फ़िल्म बे यार एवं हम दो हमारे दो के प्रोड्यूसर डायरेक्टर अभिषेक जैन, फंस गए रे ओबामा एवं किस्सा जैसी फ़िल्म के संगीतकार मनीष जे टीपू, तेरा ही करम , न्यू यॉर्क जैसी फिल्मो के म्यूजिक कंपोज़र पंकज अवस्थी और फ़िल्म प्रोड्यूसर अमित देसाई भी झाबुआ में रहेंगे।
गाना एक साथ 35 से अधिक प्लेटफॉर्म पर होगा रिलीज़…
अजित द्वारा लॉन्च की जा रही एएसआर म्यूजिक रिकार्ड्स कंपनी के माध्यम से संगीत प्रेमियों के लिए यह ओडियो और म्यूजिक वीडिओ 17 मार्च को यू-ट्यूब, इंस्टग्राम, स्पॉटी फाय , एप्पल म्यूजिक, अमेज़न म्यूजिक , जिओ सावन , हंगामा जैसे 35 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय प्लेट फॉर्म पर एक साथ रिलीज़ होगा। जिससे इसके वीडिओ और ऑडियो संगीत प्रेमियों के लिए आसानी से उपलब्ध रहेगा।
इस म्यूजिक वीडियो का अधिकांश भाग झाबुआ में सूट.. इस गीत का अधिकांश भाग अलीराजपुर जिले के वालपुर, राणापुर और झाबुआ के भगोरिया मेले में शूट किया गया है। वीडिओ में स्थानीय लोक संस्कृति की छटा बिखेरने का प्रयास किया गया है। झूले चकरी के दृश्य, युवक युवतियों के नाचते झूमते, मांदल मंडलियों और कुर्राटियां लगाते चेहरों को बखूबी दर्शाया गया है।
स्थानीय कलाकारों को दिया मौका…
अजीत ने बताया कि इस गाने के लिए वे खासतौर से मुंबई से भागोरिया के अवसर पर झाबुआ आए थे। उन्होंने गाने को मुंबई में कंपोज एवं प्रोग्राम किया जबकि झाबुआ के स्थानीय रैपर जेके एवं पाचू की आवाज को अघोर आर्ट स्टूडियो में रिकॉर्ड किया । मांदल की थाप को भी यहीं रिकॉर्ड किया गया ।इस म्यूजिक एलबम का आर्ट डिज़ाइन स्थानीय कलाकार अभिषेक ने तैयार किया। अजीत बहुमुखी प्रतिभा के कलाकार है, उन्हें ध्वनि मुद्रण के लिए दो बार भारत के राष्ट्रपति से राष्ट्रीय फ़िल्म पुरुस्कार मिला है। फ़ोटो01
