मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को दो दिवसीय आईपीएस मीट का कुशाभाऊ कन्वेंशन सेंटर में शुभारंभ किया। इस अवसर पर सीएम ने कहा कि तनावमुक्त होकर मीट में भाग लेना है। इस मौके पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सीएम के सिंघम जैसे अवतार के कारण आज कोई संगठित गिरो नहीं हैं।
एमपी पुलिस ने कोविड में अच्छा काम किया
सीएम ने सभी अधिकारियों से अपील करते हुए कहा आराम से तनावमुक्त होकर हमें आईपीएस मीट में भाग लेना है। कई बार बिना बात के भी हम तनावग्रस्त रहते हैं। मध्यप्रदेश पुलिस के मित्रों ने कोविड के दौरान अपनी जान हथेली पर रखकर चौराहे पर खड़े होकर जनता की सुरक्षा की। वो दृश्य अद्भुत था! हमारे ऐसे पुलिस अफसर भी दिखे, जो अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए बीमार हुए, संक्रमित हुए, लेकिन उनको हम बचा नहीं सके। यह मध्यप्रदेश पुलिस का उजला पक्ष है और इस पर मैं गर्व करता हूं।
हम जिद ठान लें, तो अपराधी टिक नहीं सकते
मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता होती है कि पुलिसिंग के मामले में मध्यप्रदेश पुलिस की एक अलग साख है। देश की सुरक्षा की दृष्टि से अगर देखें, तो चाहे पंजाब में आतंकवाद का सामना करना हो तो केपीएस गिल को कोई भूल नहीं सकता है। डोभाल साहब की वीरता भी दुनिया जानती है। जब कश्मीर में कबायली घुसे, तब मध्यप्रदेश पुलिस वहां गई। जहां भी जरूरत पड़ी, हम गए और शानदार सफलता प्राप्त की। अगर हम जिद ठान लें, तो अपराधी में क्या दम है जो टिक जाए। जब हमारी सरकार बनी थी, उस समय क्या स्थिति थी! सामूहिक हत्याकांड हो जाते थे।
छह महीने में सभी बड़े गिरोह खत्म कर दिये
हमने सीधी बात की थी कि ये डकैत कैसे खत्म करें। तब जवाब आया था कि जो काम हम करें, उस में इंटरफेरेंस न हो! जो अधिकारी मांगे गए, हमने दिए और छः महीने के अंदर सारे बड़े गिरोह खत्म कर दिए गए। यह उदाहरण बना। जरा भी अब छोटा-मोटा गुंडा आता है, तो मैं कह देता हूं कि इसे दबा दो! नक्सलवाद के मामले में भी मुझे गर्व है। हमारी पुलिस और हॉक फोर्स ने एक साल में 6 बड़े नक्सली मारे! इन पुलिस वालों के सीने पर जब मैं मैडल लगाता हूं, तो मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।
हमारे सामने चुनौती समाज में क्राइम की हैं
किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि हम माफिया से 23,000 एकड़ जमीन छुड़ा लेंगे। बुलडोजर केवल नाटक नहीं है, कई अपराधी तो खुद पहुंचने लगे हैं, कहते हैं हम आ गए हैं, कृपया तोड़ना मत! हम लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति से संतुष्ट हैं। जब किसी का बलात्कार होता है तो आत्मा कांप उठती है और शर्म से माथा झुक जाता है। इसमें अधिकतर रिश्तेदार, परिचित ही अरोपी निकलते हैं। हमारे सामने चुनौती समाज में क्राइम की भी है।
छोटी घटना से छवि खराब होती हैं
हमने कई अच्छे काम किये हैं लेकिन छोटी-छोटी घटनाएं हो जाती हैं, जिससे छवि खराब होती है। बीच में एक आईपीएस अफसर थे बिहार के, उनका वीडियो वायरल हुआ, जिन्होंने एक सांस में कई गालियां दे दी। इससे बदनामी पूरे कैडर की होती है। कुछ चीजें हैं, जिन पर ध्यान देना है। अवैध कारोबार में कई बार सुनने में आता है कि अधिकारी बंधे हुए हैं। इस तरह की चीजों को हमें मिटाना है।
अपनी फोर्स के सुख-दुख में साथ खड़े हों
आप लीडर हैं, लीडर के नाते आप अपनी फोर्स के लिए आदर्श हैं। एक तरफ आप उनसे कर्तव्य की पूर्ति की अपेक्षा रखते हैं, तो उनकी तकलीफों का भी संवेदना के साथ ध्यान रखने की कोशिश करना चाहिए। जो जरूरी चीजें हैं, वो हमारे ध्यान में आना चाहिए। तनाव नहीं होना चाहिए। अपने साथियों के साथ हम सुख और दुख में साथ खड़े हों।
अपने परिवार और पार्टनर का ध्यान रखें
मैं आपको अधिकार के साथ कह रहा हूं, जिनके बच्चे छोटे हैं, आप अपने परिवार और पार्टनर का ध्यान जरूर रखना। कई बार काम की व्यस्तता में यह पहलू अनदेखा रह जाता है। मैंने एकाकी जीवन जीते हुए बच्चों की दशा बिगड़ते हुए देखा है। मैं भी कोशिश करता हूं कि थोड़ा समय मैं अपने बच्चों को दूं।
2047 तक की कार्ययोजना बनाएंगे
सीएम ने कहा कि 2047 तक की पूरी कार्ययोजना हमें बनानी है। तात्कालिक समस्याओं का समाधान और आने वाली चुनौतियों से निपटने की रूपरेखा हमें बनाना है। विकास यात्रा के बाद हम साथ में बैठेंगे और ब्रेनस्टोरमिंग करेंगे। प्रधानमंत्री जी ने भी यह सलाह दी है। न केवल प्रदेश, बल्कि जिले की भी बैठक हम करें। जो फील्ड में काम कर रहे हैं, उनको सुनेंगे तो काम बेहतर होगा। इसमें जो सुझाव आएंगे, उससे हम अपनी रणनीति बनाएंगे।