तीन बार नशे में गाड़ी चलाते पाए गए तो आजीवन लाइसेंस निरस्त होगा, एक्सीडेंट होने पर सजा भी बढ़ेगी

मध्यप्रदेश की नई आबकारी नीति में ड्रंक ड्राइविंग और नशे में गाड़ी चलाते हुए एक्सीडेंट करने पर सजा बढ़ा दी है। नशे में गाड़ी चलाते हुए पहली बार पकड़े जाने पर छह महीने के लिए, दूसरी बार दो साल के लिए और तीसरी बार में आजीवन लाइसेंस निरस्त हो जाएगा। शराब के नशे में गाड़ी चलाई और दुर्घटना हुई तो उसकी सजा भी बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि हमने मध्यप्रदेश में ऐसी आबकारी नीति लाने का प्रयास किया है, जो शराब पीने को हतोत्साहित करें। शराब पीकर गाड़ी चलाने की लत लोगों को है। शराब पी ली तो खुद पर नियंत्रण नहीं रहता। कई बार दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। कई बार दूसरों की जिंदगी के लिए खतरा बन जाते हैं। हमने फैसला किया है कि नशे में वाहन चलाते हुए तीन बार पकड़े जाने पर ड्राइविंग के लिए आजीवन प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। ड्रंक ड्राइविंग को हतोत्साहित करना जरूरी है। लोगों को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। हमने इस संबंध में कई प्रावधान किए हैं। नशे में वाहन चलाते हुए एक्सीडेंट करते हैं तो हम सजा भी बढ़ाएंगे। हमने विधि विभाग को कहा है कि सजा कैसे बढ़ाई जा सकती है, इस पर विचार करें। उसकी सलाह के अनुसार हम सजा बढ़ाएंगे।

कोई नई दुकान नहीं खुलेगी
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पहले अक्सर यह होता था कि जब भी आबकारी नीति आती थी तो 200-300 दुकानें खोलने का प्रस्ताव होता था। मैंने मुख्यमंत्री रहते हुए तय किया था कि मध्यप्रदेश में शराब की कोई नई दुकान नहीं खोली जाएगी। इस वजह से बरसों से हमारी संख्या स्थिर है। तुलनात्मक रूप से देखें तो शराब से मध्यप्रदेश का रेवेन्यू भी काफी कम है। शराब दुकानें भी तुलनात्मक दृष्टि से बहुत कम है।

अहातों की वजह से होती थी परेशानी
शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि हमने एक और फैसला किया है। लोग दुकान से शराब खरीदते हैं और वहां जो अहाता बना हुआ है, उसमें बैठकर पीते हैं। इसके कई दुष्परिणाम होते हैं। शराब पीकर कोई निकला तो नशे में वह कई बार आपराधिक परिस्थितियां पैदा कर देता है। इससे कानून-व्यवस्था की समस्या भी पैदा होती है। मां-बहन-बेटी पर कुदृष्टि भी पड़ती है और दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं भी होती हैं। हमने तय किया है कि शराब दुकानों के साथ अहाते नहीं होंगे। नई नीति में अहातों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

स्कूल, धार्मिक स्थल के पास नहीं होंगी शराब दुकानें
शिवराज ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान मां नर्मदा के तट पर शराब दुकानों को बंद किया था। यह भी तय किया गया है कि किसी भी धार्मिक, शैक्षणिक स्थल से 100 मीटर के दायरे में शराब दुकान नहीं होगी। पहले की पॉलिसी में गर्ल्स कॉलेज, गर्ल्स स्कूल लिखा था। अब कोई भी स्कूल-कॉलेज हो, यह पॉलिसी मान्य होगी। पहले 50 मीटर के दायरे में शराब दुकान न होने का प्रावधान था, अब इसे बढ़ाकर 100 मीटर कर दिया है। कोई महत्वपूर्ण स्थान पर कोई दुकान है, जिससे दिक्कत हो रही है तो भी हम दिक्कत खत्म करने के लिए उस पर फैसला करेंगे।

मां, बहन-बेटी का सम्मान सबसे अहम
शिवराज ने यह भी कहा कि हम प्रखरता के साथ नशामुक्ति अभियान भी चलाएंगे। जनता को नशे के नुकसान की जानकारी देना जरूरी है। मैं हर सभा में नशामुक्ति का संकल्प दिलाता हूं। नशामुक्ति अभियान के लिए भी हम पर्याप्त धनराशि रखेंगे। प्रदेश में मां, बहन और बेटी का सम्मान सुनिश्चित रहे, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जिसने तय किया कि कोई बच्ची के साथ गलत काम करता है तो उसे फांसी की सजा दी जाएगी। दुराचारी के घर पर बुलडोजर भी चलाए हैं। जेल भेजना पर्याप्त नहीं है, उसकी आर्थिक रूप से कमर तोड़ना भी जरूरी है।

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Author: jtvbharat