कांग्रेस विधायक का आरोप, दमोह से दो-दो मंत्री दर्जा प्राप्त, फिर भी विकास नहीं हो रहा तो इस्तीफा दें

दमोह में कांग्रेस विधायक अजय टंडन ने भाजपा की राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मेरी जीत ही सरकार के मुंह पर दमोह की जनता का एक तमाचा था। दमोह की जनता कहती है कि हम सबकुछ बर्दाश्त कर लेंगे, लेकिन बेईमानी बर्दाश्त नहीं करेंगे। जनता कह रही है कि हमें सबकुछ बर्दाश्त है, लेकिन दमोह को बेचने वालों को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। विकास में अगर दमोह पिछड़ रहा है तो यहां से दो-दो मंत्री का दर्जा प्राप्त नेता हैं, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। वे सिर्फ अपना विकास करने में लगे हैं। टंडन ने दावा किया कि मैं अपनी हैसियत में जितना है, उतना काम कर रहा हूं। जनता यह जानती है। सामने वाला क्या कर रहा है, यह भी जनता जानती है। वे केवल फॉलो गार्ड और सरकारी गाड़ियों में घूम रहे हैं। क्या उन्हें जनता के बीच नहीं जाना, जो चुपचाप बैठे सब देख रहे हैं? टंडन ने कहा कि यदि इस बार के बजट में दमोह के मेडिकल कॉलेज का आवंटन नहीं होता है तो एक जनआंदोलन होगा। मुझे लगता है कि बिना आंदोलन के यह सरकार मेडिकल कॉलेज दमोह में नहीं लाएगी। यह तय है कि वह चुनावी वादा था। झूठा वादा था। यह सरकार झूठे वादे करने में माहिर है। चुनाव नजदीक आते ही बढ़ी सक्रियता से जुड़े सवाल पर टंडन ने कहा कि ये जनता की अदालत है, जो सबसे बड़ी है। सक्रियता राजनीति में जरूरी है, लेकिन जनता ये भी देख रही है कि कौन कितना सक्रिय है और कौन क्या कर रहा है।
2018 में मेडिकल कॉलेज मुख्य मुद्दा था
मेडिकल कॉलेज का मुद्दा 2018 के विधानसभा चुनाव में मुख्य मुद्दा था। कांग्रेस प्रत्याशी राहुल सिंह ने दमोह में मेडिकल कॉलेज लाने की जनता की मांग को चुनावी मुद्दा बनाया था। उस समय ये खबर फैलाई गई कि भाजपा प्रत्याशी और भाजपा सरकार के वित्त मंत्री जयंत मलैया नहीं चाहते कि दमोह में मेडिकल कालेज आए। इसका फायदा कांग्रेस प्रत्याशी राहुल सिंह ने उठाया। पथरिया में एक चुनावी सभा के दौरान कांग्रेस सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह घोषणा की थी कि सरकार बनी तो दमोह में मेडिकल कॉलेज बनेगा। फिर भी मेडिकल कॉलेज नहीं बना। 14 महीने बाद सरकार गिर गई। इसी बात का बहाना देकर कांग्रेस विधायक राहुल सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया और भाजपा में शामिल हो गए। उपचुनाव में भाजपा ने मेडिकल कॉलेज का वादा किया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन तक कर दिया था। अब भी मेडिकल कॉलेज का कोई अता-पता नहीं है।

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Author: jtvbharat