सांसद प्रज्ञा ठाकुर गले में पट्टा बांधने वाली घटना पर बोली – देश में धर्म विरोधी षड्यंत्र किया जा रहा

अटल पथ पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने महिलाएं, सेना से रिटायर्ड जवान, बच्चों और युवाओ के साथ योग किया। इस अवसर पर सांसद ने भोपाल में युवक के गले में पट्टा बांधने वाली घटना पर कहा कि देश में धर्म विरोधी षड्यंत्र किया जा रहा है। सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में भोपाल में युवक को गले में पट्टा बांधकर मारने और धर्म परिवर्तन करने के मामले में कहा कि भोपाल में पूरे देश में इस तरीके के काम शुरू हो गए हैं। यह विधर्मी लोग जो हैं बहुत ज्यादा उत्पात मचा रहे हैं मानवीयता खो दी है। उनके जो देश विरोधी, धर्म विरुद्ध मंसूबे हैं वह स्पष्ट होने लगे हैं। कुत्ता बना करके जो उस युवक को घुमाया है उस बालक का बहुत ज्यादा अपमान है। जो सजा हमारे प्रशासन ने दी उसके लिए मुख्यमंत्री जी की तारीफ करती हूं। लेकिन उसी रात एक हिंदू लड़की को मुस्लिम लड़कों ने मारा भी है। इस मामले की रिपोर्ट आई है जो पुलिस को दी है। बजरंग दल की आरोपियों को कुत्ता बना कर मारने की दी ई धमकी पर सांसद ने कहा कि क्रिया की प्रतिक्रिया होती ही है। कानून हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है लेकिन भावना व्यक्त हर कोई कर सकता है। क्या जिस तरीके से बच्चे को कुत्ता बना कर मारा गया। सांसद ने कहा कि यह कोई छोटा गिरोह नहीं है, मैं पहले भी स्पष्ट कर चुकी हूं इनका पूरा षड्यंत्र है। मतांतरण कर धर्म से हटाने किया जा रहा है इसलिए विधर्मी अपनी पूरी तरीके मानसिकता को परोस रहे हैं। हमारे समाज में यह प्रक्रिया पूरे देश में चल रही, जिसमें कठोर कानून बनना ही चाहिए। ग फिल्म आदि पुरुष पर हो रहे विवाद पर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि मैंने फिल्म देखी नहीं है, लेकिन सुना है कि उसमें राम जी सीता जी नहीं है। लेकिन फिर भी मनोज मुंतशिर ने बैक फुट पर आकर कहा कि ये सब हटाऊंगा। फिल्म से आपत्ति जनक चीजे यदि नहीं हटाई गई तो क्या बैन होना चाहिए इसर सांसद ने कहा कि सेंसर बोर्ड और अन्य चीजों की प्रक्रिया है, उससे गुजर के आती है तो क्या है कैसा है मैं नहीं कह सकती क्योंकि मैंने पिक्चर देखी नहीं है। गीता प्रेस को लेकर राजनीति पर सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि जहां से भी हिंदुस्तान को चेतना मिलती है ज्ञान मिलता है जहां से सरल अध्ययन मिलता है उन सब चीजों का चाहे वह पूर्व मुख्यमंत्री या कोई भी कांग्रेस के नेता हो वह विरोध करते रहते हैं। राष्ट्र को चेतना ना मिले यह उनका प्रयास होता है। इसलिए गीता प्रेस गोरखपुर निरंतर अपनी सेवाएं दे रही है। यह स्वतंत्रता के पूर्व की बात है और 100 वर्ष हो चुके हैं। इसलिए इनको तो शर्म आनी चाहिए। यह ऐसा खोदकर लाते हैं, जो उनको ही नष्ट करने के लिए भस्मासुर बन जाता है।

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Author: jtvbharat