प्रदेश में आईटी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए नई आईटी नीति- 2023 का प्रारूप तैयार हो गया है। इस पर आईटी प्रोफेशनल्स व विशेषज्ञों से 28 जून तक सुझाव मांगे हैं। नई नीति में अगले 5 साल में आईटी क्षेत्र में 2 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य है। इस बार कई तरह की नई छूट के प्रावधान किए हैं। सरकार का पूरा जोर प्रदेश में नए डाटा सेंटर स्थापित करने, आईटी पार्क बना कर प्लग एंड प्ले सुविधा देने पर है, जिससे कंपनियों को इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए समय जाया न करना पड़े। आईटी विभाग ने निवेश पर विशेष छूट के साथ किराए और कर्मचारियों की तनख्वाह के लिए भी आकर्षक पैकेज तैयार किए हैं। इस बार एक विशेष कैबिनेट समिति का गठन किया है, जो मेगा प्रोजेक्ट पर तत्काल निर्णय ले सकेगी। आईटी विशेषज्ञ सीए स्वप्निल बंसल कहते हैं कि नई नीति में इंदौर और मप्र को आईटी हब बनाने की क्षमता है।
नई नीति के ये हैं प्रमुख प्रावधान…
-आईटी, आईटीएस व बीपीओ को किराए में 3 साल के लिए छूट दी जाएगी। यह छूट निवेश के आधार पर 500 रुपए से 3000 रुपए तक सीट के अनुसार रहेगी। इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन ए श्रेणी के शहर रहेंगे। शेष बी श्रेणी में। यह छूट अभी नहीं हैं।
-वर्तमान में 10 से 75 फीसदी कैपिटल सब्सिडी के प्रावधान हैं, इसे 25 प्रतिशत करेंगे। यह प्राइवेट लैंड या गवर्नमेंट लैंड पर बिल्डिंग बनाने के लिए दी जाएगी। ईएसडीएम पर सह सब्सिडी 40 फीसदी प्रस्तावित है।
-रोजगार सहायता योजना में बदलाव करते हुए इसे 4 से 5 हजार रुपए प्रति व्यक्ति प्रतिमाह किया जा रहा है। आईटी पार्क बनाने पर डेवलपर को 15 % कैपिटल सब्सिडी देने का प्रावधान किया है। यह न्यूनतम 50 हजार वर्गफीट पर रहेगी।
-डाटा सेंटर के लिए क्षमता अनुसार 1 व 2 रुपए यूनिट में बिजली देंगे। सोलर व ग्रीन एनर्जी पर विशेष छूट मिलेगी।