बीमारी से जुझते हुए खद को संभाला और देश के लिए एक बाद एक दो पदक जीतकर कमल चावला ने अपनी जीवटता और स्नूकर प्रति अपने प्रेम को साबित कर दिया है। भोपाल के कमल चावला ने 6 रेड एशियन स्नूकर चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता। तेहरान में खेली गई स्पर्धा में कमल सेमीफाइनल में चाओ हो मान (हांगकांग) से 1-5 से पराजित हो गए। कमल का यह 12 वां अन्तर्राष्ट्रीय पदक और 6-रेड एशियन स्नूकर चैम्पियनशिप में यह तीसरा पदक है। भारत के स्टार पंकज आडवाणी को भी कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
रोमांचक रहा सेमीफाइनल मुकाबला
सेमीफाइनल में 2016 की 6- रेड वर्ल्ड स्नूकर चैम्पियनशिप के उपविजेता चाओ हो ने कमल से पहले दो फ्रेम 34-27, 40-6 से जीतकर 2-0 की बढ़त बना ली। पूरी स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन करने वाले कमल ने तीसरा फ्रेम 37-24 अंक से जीतकर स्कोर 2-1 कर दिया। लेकिन चाओ ने 38-19, 35 -1, 40-19 से अगले तीनों फ्रेम जीतकर मैच अपने पक्ष में कर लिया। चाओ की जीत में उनके कुछ फ्लूक शॉट ने भी साथ निभाया.
उल्लेखनीय है कि कमल ने टीम चैम्पियनशिप में स्वर्ण और व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक जीता है. 6-रेड एशियन स्नूकर चैम्पियनशिप में कमल ने ही भारत को पहला पदक 2011 में दिलाया था. उन्होंने पिछली बार 2019 में वर्ल्ड टीम स्नूकर चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था. कमल चावला, इंडियन रेलवे में कार्यरत हैं तथा डीआरएम कार्यालय में पदस्थ हैं. वे मप्र के पहले अन्तर्राष्ट्रीय स्नूकर खिलाड़ी हैं. मप्र सरकार द्वारा उन्हें प्रदेश के सबसे बड़े खेल सम्मान “विक्रम पुरुस्कार” तथा रेलवे द्वारा प्रतिष्ठित “बेस्ट स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ़ द ईयर” अवार्ड से सम्मानित किया गया है। चैंंपियनशपि में जाने से कुछ समय तक उनकी तबियत खराब थी। इसके भी वे खेलने गए और दो पदक जीते।
भेल के स्पोटर्स क्लब से सफर शुरू किया था
कमल चावला ने अपने खेल की शुरुआत भेल स्पोट़र्स क्लब स्नूकर खेलना शुरू किया था, उन्होनें अपनी प्रतिभा से सभी को प्रभावित किया है। मप्र में स्नूकर को उन्होंने अपने दम पर उचाइयों पर पहुंचाया है। जिला, राज्य और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बडे मुकाबलों में पदक जीतकर सभी का मान बढाया है। आज मप्र में जो माहौल बन रहा है, इसमें कमल चावला का बहुत बढ़ा योगदान है।