नदी किनारे हो रहा था महिला का संस्कार, अचानक आई बाढ़, शव छोड़कर परिजनों ने भागकर बचाई जान

खरगोन में जनपद मुख्यालय से करीब 7 किमी दूर पुतला ग्राम पंचायत के ग्राम कटझिरा में बुधवार को एक बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार के दौरान अजीब स्थिति बन गई। गांव में व्यवस्थित मुक्तिधाम ना होने से ग्रामीण अंतिम संस्कार की क्रिया नदी किनारे पर करते हैं। बुधवार को गांव की 95 वर्षीय पारबाई छीतर का निधन हो गया। परिजन व ग्रामीण उनका शव लेकर रूपारेल की सहायक नदी के किनारे पहुंचे। इस दौरान अचानक बारिश होने से ग्रामीणों ने बड़ी तिरपाल का सहारा लिया और चिता तैयार की। चिता में आग लगाते समय तिरपाल हटा ली गई लेकिन कुछ ही देर में नदी के ऊपरी हिस्से में अधिक बारिश होने से नदी में बाढ़ का पानी आ गया।नदी में अचानक पानी आने से किनारे पर मौजूद ग्रामीणों को चिता को जलती हुई छोड़कर भागना पड़ा। मृतक वृद्धा के पुत्र रमेश और जगदीश ने बताया कि शांतिधाम नहीं होने से यह स्थिति निर्मित हुई है। माताजी को बीच नदी में अधजली अवस्था में छोड़ना पड़ा। तेज बारिश और नदी के बाढ़ का पानी चारों ओर पानी होने से अग्नि संस्कार हो नहीं सका है। पानी उतरने के बाद ही लाश की सही स्थिति का पता चल पाएगा।मनरेगा योजना में प्रत्येक ग्राम में शांतिधाम निर्माण किया गया था। ग्राम पंचायत पुतला में भी शांतिधाम निर्माण के प्रस्ताव वर्ष 2012-13 में शांतिधाम के नाम पर केवल कच्चे पत्थर की दीवार बनाई गई थी, जो जर्जर हो गई है। ग्रामीण ननू ठाकुर, रमेश, जीवन व बाटिया ने कहा यहां शेड सहित शांतिधाम का निर्माण होना चाहिए, जिससे भविष्य में इस तरह की घटना न हो। ग्राम सरपंच कंचनबाई ने बताया कि कटझिरा में खुले में अंतिम संस्कार करने में समस्या आती है। जनपद से शेड की मांग की जाएगी।इधर, सेमलकुट नदी की बाढ़ में बहे व्यक्ति की मौत-क्षेत्र में तेज बारिश से नदी नाले उफान पर रहे। क्षेत्र की मुख्य वेदा नदी में पहली बार बाढ़ का पानी आया। वहीं तेज बारिश के चलते शाम पांच बजे ग्राम सेमलकूट नदी में बाद में बहने से एक 50 वर्षीय व्यक्ति भूरेसिंह पिता वेस्ता की मौत हो गई। ग्रामीण मोहन कवचे ने बताया भूरेसिंह खाद लेने के लिए चिरिया जा रहा था। सरपंच निहाल सिंह ने बताया की दो किमी दूर से शव मिला। सूचना पर चैनपुर पुलिस बीट प्रभारी चंद्रकांत महाजन ने मर्ग कायम किया।

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Author: jtvbharat