राणापुर में रही भागवत कथा समापन ऐतिहासिक चल समारोह की धूम।

राणापुर से तेजा गाहरी की रिपोर्ट
राणापुर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सदियों पुरानी परंपरा भागवत कथा नगर के प्रमुख मंदिरों में बिठाई गई जिसका कल पूनम पर समापन हुआ उसके उपरांत समस्त कथावाचकों को वहां में बिठाकर नगर के प्रमुख गलियों से एक चल समारोह के रूप में निकल गई यात्रा में नगर के समस्त समाज ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।
विशाल चल समारोह में नगर परिषद अध्यक्ष दीपमाला दिलीप नलवाया और सभी पार्षद द्वारा पुष्प से स्वागत किया गया बस स्टैंड पर कहां से शुरू होता है और कहां-कहां भागवत कथा बताई जाती है
रानापुर में भागवत कथा गोपाल मंदिर, श्री राम मंदिर, रामद्वारा मंदिर, शनि मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, शीतला माता मंदिर ,चामुंडा माता मंदिर ,तेजाजी मंदिर, गीताभवन राधा कृष्ण मंदिर,आदि कहीं स्थान पर भागवत कथा वाचन किया गया है।
7 दिन की कथा के बाद समापन के दिन पूर्णिमा की शाम को 5:30 बजे से एक भव्य धार्मिक यात्रा का आयोजन किया जाता है साथ ही इस यात्रा के स्वागत के लिए गालीयो में फूलों की वर्षा की जाती है और जगह-जगह स्वल्पाहार की व्यवस्था की जाती है।
क्या रहती है चल समारोह की विशेषता। राणापुर में जितनी जगह भागवत जी बैठते हैं उन समस्त समाज द्वारा एक जगह इकट्ठा होकर एक विशाल यात्रा निकल जाती है साथ ही अपने-अपने मंदिर के प्रमुख लोगों द्वारा अपने मंदिर में स्थापित की गई भागवत गीता को अपने सिर पर रखकर नगर के प्रमुख चौराहों पर और नगर में भ्रमण किया जाता है।
राणापुर में इस यात्रा में बैंड कई प्रकार के ढोल, ताशे, डीजे ,और रामायण मंडल द्वारा एक विशेष भक्ति का माहौल कर श्री राम धुन और कई मीठे-मीठे भजन सुने जाते हैं साथ ही नगर के युवा नगर के प्रमुख चौराहों पर डांडिया रास खेलकर काफी उत्साह पूर्वक इस जुलूस को आगे बढ़ाते हैं साथ ही नगर के वरिष्ठ बैंड पर श्री राम की धुन पर थिरकते हैं और अपने सनातन धर्म की रक्षा के लिए आने वाली पीढियां को सचेत करते हैं।

jtvbharat
Author: jtvbharat