संघर्ष से सिद्धि जिला ब्यूरो चीफ सतीश वाघ
बुरहानपुर। जिले में कई ऐसी ऐतिहासिक धरोहरे है जो भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में एक अलग पहचान बनाये हुए है इन धरोहरों तक पहुंचने वाली सड़कों का संकट अब खत्म हो सकता है इसे लेकर जिला प्रशासन ने एक प्रस्ताव भेजा है भारत सहित विदेशों में मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक शहर बुरहानपुर अपने खूबसूरत धरोहर के लिए जाना जाता है कभी इस शहर में मुमताज ने अपने महल मे अंतिम सांस ली थी और आज भी यह शहर उनकी यादों के लिए जाना जाता है वही विश्व की एकमात्र जीवित भूमिगत जल वितरण प्रणाली कुंडी भंडारे जैसे अद्भुत कला इसके आगोश में समाऐ हुए हैं साथ ही यहां काला ताजमहल और आहुखाना जैसे धरोहरे भी शामिल है लेकिन यह धरोहरे पर्यटकों के पहुंच से कोसो दूर है ऐसा इसलिए कि उनके पहुंच मार्ग बदहाल और जर्जर हो चुके हैं
ऐतिहासिक विरासत तक पहुंचना होगा आसान
बदहाल सड़कों की वजह से बुरहानपुर शहर की इन ऐतिहासिक विरासतों का दीदार करना या पहुंचना आम पर्यटक के बस की बात नहीं है हकीकत यह है कि यहां तक पहुंचने के लिए सड़क तक नहीं है और यदि सड़क भी है तो बहुत ही दयनीय स्थिति में है रास्ता कच्चा होने की वजह से कीचड़ पड़ा हुआ है इस मामले को लेकर जिला प्रशासन ने एक खुशखबरी दि है
काला ताजमहल और आहु खाना तक बनेगी सड़क
केंद्रीय पुरातत्व विभाग यानी ए, एस, आई द्वारा अपने अधीन ऐतिहासिक धरोहरो व इमारत की संवर्धन के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं जिसमें काला ताजमहल भी शामिल है काला ताजमहल देश विदेश में मशहूर है लेकिन दुर्भाग्य से यहां तक पहुंचने का जो मार्ग है वहा वाहन तो दूर पैदल चलना मुश्किल है इस मामले को लेकर कलेक्टर भव्या मित्तल ने कहा जिले में स्थित ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व की धरोहरो तक पहुंचने के लिए पहुंच मार्ग निर्माण के लिए पर्यटन विभाग की स्वदेश दर्शन योजना मे प्रस्ताव भेजा गया है भारत सरकार द्वारा इसकी मंजूरी मिलते ही जर्जर पहुंच मार्ग का निर्माण कराया जाएगा
पुरातत्व विभाग कर रहा है अनदेखी
बुरहानपुर शहर से महज 5 किलोमीटर दूर स्थित और आहुखाना के नाम से मशहूर इमारत जिसका निर्माण तीन-तीन मुगल शासको ने कराया था अब यह भी पुरातत्व विभाग की अनदेखी के चलते जर्जर हो रहे है कुछ ऐसा ही हाल काला ताजमहल यानी शाहनवाज के मकबरे का भी है जो अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है अगर केंद्र सरकार द्वारा इन रास्तों को मंजूरी दे दी जाती है तो जाहिर सी बात है कि जिले में पर्यटकों की संख्या में खासा इजाफा देखने को मिलेगा सड़क निर्माण के साथ-साथ केंद्रीय पुरातत्व विभाग को इन धरोहरों के रखरखाव की भी ध्यान देना चाहिए