रोजडे उजाड़ रहे हरे भरे खेत, रोड पर कूदते फांदते कर रहे एक्सीडेंट कब होगा समस्या का निदान…….

डॉ मोहन यादव से किसानों की गुहार समस्या से दिलाएं निजात

संघर्ष से सिद्धि की विशेष खबर

नीलगाय जिसको रोजड़े के नाम से जाना जाता है यह पानी के आसपास के जंगलों में झुंड के झुंड के रूप में देखने को मिलती है खासकर राजस्थान के अलावा नीमच ,मंदसौर,रतलाम ,उज्जैन ,इंदौर सहित शाजापुर सहित प्रदेश के अनेकों जिलों में इनका ठिकाना है ।
रोजडे जिनको हरि फसल खाने का बहुत शोक है लेकिन अधिकांश फसल को यह झुंड के झुंड खेतों में दौड़कर नष्ट कर देते है गेहूं,अफीम सहित अनेकों फसलों के साथ साथ भिंडी और अन्य शब्जियों को भी नुकसान पहुंचाते है।
इन जिलों में किसान बड़ी मेहनत और कर्ज लेकर अपनी खेती करते है पहले ही किसान अतिवृष्टि, सुखा से परेशान होकर एक फसल तो खो देता है वही दूसरी सीजन की फसल को
रोजडे देखा नहीं छोड़ते है इसके लिए किसान दिन ओर रातों में अपनी नींद खराब कर अपने खेतों की पहरेदारी कर रहा है वही बिजली की लुका छिपी से परेशान किसान रोजडे की रखवाली से भी परेशान हो रहा है।
रोजडे के कारण आवागमन वाले मार्ग पर एक्सीडेंट भी हो रहे क्योंकि रोजडे झुंड के झुंड रोड क्रासिंग करते ओर वाहन की आवाज सुनकर दौड़ लगाते है और वाहन को अपनी चपेट में ले लेते है जिसके चलते भयानक एक्सीडेंट होकर व्यक्ति की मृत्यु हो जाती या वाहनों को छती पहुंचाते है।
रोजडे जानलेवा हमला भी करते है यह किसी अकेले व्यक्ति को देखकर उसके ऊपर हमला करने से भी नहीं चूकते है ऐसा ही वाकया मंदसौर जिले में हुआ जहां एक महिला की जान रोजड़े ने हमला कर लेली वही गुरुवार को नीमच मनासा रोड पर बस से टकराने पर पीछे आ रही दो चार पहिया वाहन भी चपेट में आई जिनको काफी नुकसान हुआ अच्छा हुआ जनहानि नहीं हुई केवल वाहनों को क्षति पहुंची और रोजडे की मौत हो गई।
किसानों ने रोजडो की समस्या को लेकर उज्जैन जिले सहित अनेक जिलों में समय समय पर ज्ञापन देकर समस्या से निजात दिलाने हेतु संबंधित विभाग ओर जिला प्रशासन और सरकार से गुहार भी लगाई पर सब कुछ बेअसर साबित हुआ।
किसान या कोई रोजड़े की हत्या कर दे तो उसके विरुद्ध पशु क्रूरता नियम के तहत कार्यवाही होती है ।
देश के किसानों के हितैषी प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के किसान हितैषी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव किसानों की इस समस्या पर संज्ञान लेकर समस्या से किसानों को मुक्ति दिलावे।

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Author: jtvbharat