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20% राजस्व विभाग बढ़ा शासन को… जिले की अंदर दुकानों से नहीं होगी अवैध शराब की बिक्री।
सुनील मुनिया
*धार:- नई एक्साइज पॉलिसी के तहत शराब के ठेकों के लॉटरी के तहत शराब दुकानों को दिया गया है।
इसबार पुराने ठेकेदारो द्वारा दुकानों के नवीनीकरण में रुचि नही दिखाई गई थी वही जिसके लिए विभाग के लॉटरी के लिए आवेदन बुलवाए जिसमे इंदौर की श्री शारदुले रिटेल एंड ट्रेडिंग सर्विस एल.एल.पी., इन्दौर के नाम लॉटरी खुली गई है। वही एक अप्रैल से नई ठेकेदारों द्वारा दुकान का संचालन किया जाएगा। वही धार में यह पहली बार हुआ है जिसमे जिले के बाहर के ठेकेदार द्वारा ठेका लिया गया है। अब देखना होगा के धार शराब दुकानों का संचालन किसके किया जाए यह देखने का विषय होगा वही अब जिले में 88 दुकानों का एक समूह में लॉटरी से नीलाम की गई हैं। जिसमे सहायक आयुक्त के मार्गदर्शन में 15 साल बाद जिले को 20 प्रतिशत का राजस्व मिला है। वही प्रदेशभर में धार ने टॉप 10 जिलों में अपना स्थान बनाया क्योंकि अधिकांश जिलो में अभी दुकानें नही गई है क्योंकि इस बार सरकार ने नई शराब नीति के चलते 20% की बढ़ोतरी की है जिसके लिए कहीं ठेकेदारों ने अपने हाथ खींच लिए हैं। वही अब लॉटरी निकलने के बाद पुराने ठेकों की समयावधि समाप्त होने के चलते अब आने वाले ठेकेदारों द्वारा सस्ते दामों पर शराब बेची जा सकती है क्योकि अब जिले में पुराने ठेकेदारो की दुकानें नही है क्योंकि माल अधिक होने व नया ठेकेदार आने के कारण जितना अधिक माल बिक्री ह्यो उतना फायदा ठेकेदार व विभाग को मिलेगा । ठेके टूटने के चलते शराब बहुत सस्ते दामों में बेची जायेगी। 1 अप्रैल से अब नए ठेकेदार द्वारा दुकानो का संचालन किया जा रहा है।
वही अब जिस ठेकेदार में लॉटरी में भाग लिया वह मुख्यालय को सिंडिकेट या अन्य माध्यम से चलाया जायेगा। यह तो बैठक में तय हुआ है कि कौन व्यक्ति कहां और किस क्षेत्र में काम देखागा और कौन सी दुकान का संचालन करेगा इसको लेकर आने वाले समय पर पता चलेगा। कलेक्टर धार प्रियंक मिश्रा के नेतृत्व में धार जिले के समस्त कार्यालिक स्टॉफ द्वारा विगत 15 वर्षों में सर्वाधिक 20% राजस्व वृद्धि प्राप्त की गई जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
एकल समूह को मिला टेंडर:
पिछले दिनों धार जिले की सभी शराब दुकानों को लेकर नवीनीकरण के आवेदन नही आए थे जिसके लिए लॉटरी के माध्यम से 88 दुकानो का एकल समूह बनाकर टेंडर आमंत्रित किए गए थे। जिसमे विभाग के राधेश्याम राय, राजेंद्र शुक्ला, जितेंद्र भदौरिया ने मेहनत कर लॉटरी में ठेकेदारो से संपर्क कर टेंडर डालने के लिए आमंत्रित किया क्योंकि इस बार शराब दुकानों में मूल्य में वृद्धि के चलते कहीं ठेकेदार भाग लेने के लिए तैयार नहीं थे। गुरुवार को आवेदनों को खोलने की कार्यवाही कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में की गई। जिला आबकारी आयुक्त के मार्गदर्शन में आबकारी अधिकारियों आवेदन के साथ प्राप्त दस्तावेजों जांच की, एकल समूह के तहत कुल एक टेंडर प्राप्त हुए थे। जिसमें ऑफर श्री शारदुले रिटेल एंड ट्रेडिंग सर्विस एल.एल.पी., इन्दौर के नाम पर होने टेंडर उनके पक्ष में निष्पादन की कार्यवाही की गई
जिले की शराब दुकानों का टेंडर करीब 475 करोड़ रुपए में गया है। जो पिछले वर्ष 396 करोड़ में गया था जो पिछले बार से 79 करोड़ की बढ़ोतरी है।
475 करोड रुपए राजस्व प्राप्त होगा इसबारः
दरअसल वर्ष 2025-26 को प्रदेश सरकार ने नई शराब नीति बनाई थी, जिसमें पहले मौजूदा शराब ठेकेदार को ही नवीनीकरण के लिए मौका दिया गया था। हालांकि जिले की शराब दुकानों को लेकर किसी ग्रुप ने नवीनीकरण को लेकर आवेदन आए प्रस्तुत नही किए। वही लाइसेंसियों ठेकेदारो की रुचि नहीं होने के कारण लॉटरी प्रक्रिया शुरु की गई। जिसमें जिले की 88 शराब दुकानों को एकल समूह में करते हुए टेंडर बुलवाए गए। नई शराब नीति के तहत इस बार दुकानों को 20 प्रतिशत बढ़ाकर टेंडर बुलवाए गए थे। इस बार विभाग ने देशी-विदेशी शराब दुकानों का कुल मूल्य 475 करोड़ रुपए तय किया। संबंधित लाइसेंस धारक का ऑफर मूल्य अधिक होने पर उनके पक्ष में निष्पादन की कार्यवाही पूरी की गई।
जिले के अंदर नही बिकी अवैध शराबः
वही इसबार भी शराब का ठेकेदार एक समूह को मिलने कारण जिले में सबसे ज्यादा फायदा किसी को होना है तो वह शराब ठेकेदारो को इसके साथ आबकारी विभाग व पुलिस को भी ज्यादा अवैध शराब माफिया के पीछे नहीं दौड़ना नही पड़ेगा।
क्योंकि एक समूह होने के कारण जिले की सभी शराब की दुकानें खुद संचालित करेगे जिसे एक जगह का माल दूसरी जगह नही पहुँचया जायेगा। जिसे ठेकेदार को फायदा पहुँचेगा। मगर अन्य जिलों के अवैध शराब का कारोबार जरूर जिले में संचालित होने की आशंका है क्योंकि यहां से गुजरात पास होने के कारण शराब ज्यादा बिकती है।
20% महेगी थे शराब दुकानेः
नई आबकारी नीति के तहत दुकानो के मूल्य में वृद्धि तो हुई है उसके साथ ही अब शराब की कीमतों में भी बढ़ोतरी सभी तरह की शराब पर कुछ फीसदी तक कीमतें बढ़ना तय है। देशी प्लेन पाव की कीमतं के साथ मसाला की कीमत के मूल्य के साथ। बीयर की कीमत तक बढ़नातय माना जा रहा है। इस लिए आप कह सकते है कि आने वाले दिनों में पीने वालों के लिए अब महंगी शराब। वही इस बार किसी ठेकेदार ने रिन्यूवल के लिए आगे नही आने के कारण एक समूह को दुकान दी है। अब ठेकेदार को नई कीमतों पर डिस्ट्रीब्युटर से शराब मिलेगी और पूरे साल में बढ़ी कीमत का पैसा सरकार को मिलता रहेगा। इस साल जिले में सभी देशी विदेशी दुकानें 475 करोड़ में नीलाम हुई है। सरकार को सबसे अधिक राजस्व देने वाले विभागों में आबकारी विभाग भी शामिल है। पूरे प्रदेश में धार जिला भी ज्यादा राजस्व देता है।
राजसात होगी सिक्योरिटी डिपाजिटः
जिलों को जारी निर्देश में आबकारी आयुक्त अभिजीत
अग्रवाल ने कहा है कि सभी शराब दुकानों के लाइसेंस धारकों द्वारा शराब दुकान और उससे संबंधित गोदाम के शेष स्टाक को लेवल वार एंट्री किया जाकर ई-आबकारी पोर्टल पर अपलोड करना होगा। यह काम एक अप्रैल को ही पूरा किया जाना है। जिन दुकानों का नवीनीकरण नहीं हुआ है उनकी आईडी पर भी स्टाक की एंट्री का विकल्प एक अप्रैल को उपलब्ध रहेगा। इसके अंतर्गत 2024-25के सभी शराब दुकान लाइसेंस धारकों को पूरी करनी है, भले ही लाइसेंस धारक ने 2024-25 के लिए भी नवीनीकरण करा लिया है या दुकान किसी और को आवंटित कर दी गई है। इसलिए सभी सर्किल प्रभारी की यह जिम्मेदारी होगी कि तो संबंधित लाइसेंस धारक द्वारा जमा की गई सिक्योरिटी की राशि को 2 अप्रैल को राजसात कर लिया जाएगा। इसके लिए विभाग अलग से कोई नोटिस जारी नहीं करेगा।
475 रुपए राजस्व प्राप्तः
जिले की शराब दुकानों के लिए नवीनीकरण को लेकर कोई आवेदन नही आए थे, लाइसेंसियों की रुचि नहीं होने के कारण ई लॉटरी प्रक्रिया में जिले की 88 शराब दुकानों को एकल समूह में करते हुए बुलवाए गए थे। नई शराब नीति के तहत इस बार 20 प्रतिशत वृद्धि के चलते कोई नवीनीकरण के लिए ठेकेदार आगे नही आया। वर्ष 2023-24 में वार्षिक मूल्य 337 करोड 92 लाख रुपए था। इस साल के लिए उच्चतम ऑफर 396 करोड रुपए जो पिछले वर्ष की तुलना में 17.19 प्रतिशत अधिक व आरक्षित मूल्य से 1.90 प्रतिशत अधिक था। वही 25-26 के लिए सरकार को 475 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा जो 15 सालों में अब तक का सबसे ज्यादा राजस्व धार जिले को मिलेगा।
विक्रमदीप सांगर सहायक आबकारी आयुक्त धार
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