गंगा जल के सेवन व श्रीमद्भागवत के श्रवण से स्वर्ग की प्राप्ति होती है-संत श्री देवकृष्ण शास्त्री

ग्राम जाट में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का हुई पूर्णाहुति

गंगाजल के सेवन एवं श्रीमद्भागवत के श्रवण मात्र से पापों से मुक्ति एवं स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
उक्त आशय के विचार- ग्राम जाट में डाक बंगला परिसर स्थित बालाजी मंदिर प्रांगण में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के अंतिम दिवस व्यास पीठ पर विराजित परम पूज्य संत श्री देवकृष्ण जी शास्त्री ने प्रवचनों के दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालु भक्तों के बीच व्यक्त किये। संत श्री शास्त्री ने आगे बताया कि श्रीमद्भागवत में समस्त ग्रंथों का सार छिपा है।अभिमानी व्यक्ति को कभी भी परमात्मा की भक्ति नहीं मिलती भाग्य वालों को ही भागवत कथा श्रवण का पुण्य मिलता है।व्यास पीठ पर विराजित संत श्री के मुखारविंद से धार्मिक आस्था के सात दिवसीय अमृत कुंड रुपी अनुष्ठान श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण कर सैकड़ों श्रद्धालु महिला-पुरुष भक्तो ने भक्ति रस गंगा में सरोबार होकर डुबकी लगाकर अपने जीवन को कृतार्थ किया। संत श्री ने अपने प्रवचनों के दौरान भगवान श्री कृष्ण के जन्म से लेकर बाल्यकाल, युवावस्था, वात्सल्य प्रेम लीलाओं का सुंदर वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त,अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित करने का कार्य किया। धार्मिक अनुष्ठान के अंतिम दिवस महाराज श्री ने अपनी मधुर वाणी मे गाए भजनों पर श्रद्धालु महिला पुरुष भक्तो को ज्ञान गंगा की भक्ति रस में डूबोकर नृत्य करने पर विवश कर दिया।कथा पूर्णाहुति के पश्चात सभी भक्तों की महाप्रसादी भी रखी गईl अंत मे ठाकुर जी को चांदी के बैवाण में विराजित कर डी.जे.की धुन पर भजनों पर नाचते गाते भक्त श्री चारभुजा नाथ मंदिर पर पहुंचे जहां पर आरती कर प्रसादी का वितरण किया गया।

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Author: jtvbharat