उत्तर में हुई बर्फबारी का असर प्रदेश पर भी, ठंडी हवाएं तेजी से गिरा रहीं तापमान

मध्यप्रदेश में तापमान तेजी से गिरा है। दिन का पारा कहीं-कहीं साढ़े सात डिग्री तक लुढ़का है तो ठंडी हवाएं रात का तापमान भी गिरा रही हैं। बादल छंट गए हैं। अगले तीन दिन तक मौसम ऐसा ही ठंडा बना रहने की संभावना है। कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हो सकती है। कोहरे के लिए 6-7 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम केंद्र की रिपोर्ट कहती है कि बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के चंबल संभाग के जिलों में अधिकांश स्थानों पर, ग्वालियर संभाग के जिलों में कुछ स्थानों पर, भोपाल, जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर और उज्जैन संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा दर्ज की गई। न्यूनतम तापमान शहडोल और रीवा संभागों के जिलों में काफी बढ़ा। भोपाल संभाग में गिरावट देखी गई। प्रदेश में रात का तापमान 10 डिग्री से ऊपर बना हुआ है। अलीपुर में 2, सबलगढ़, कैलारस, पोहरी, मल्हारगढ़, मंदसौर, बड़ौदा, जवेरा और घनसौर में 1 सेमी तक बारिश हुई है।

अगले 24 घंटों के लिए मौसम विभाग का पूर्वानुमान कहता है कि ग्वालियर और चंबल संभाग के जिलों तथा रतलाम, उज्जैन, देवास, मंदसौर, नीमच जिलों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा की संभावना है। मौसम विभाग ने यलो अलर्ट भी जारी किया है, जो कह रहा है कि बालाघाट, छतरपुर और टीकमगढ़ जिलों में कहीं-कहीं मध्यम कोहरा रहेगा तो चंबल संभाग तथा ग्वालियर-दतिया जिले में कहीं-कहीं घना कोहरा रहेगा। 2 और 3 फरवरी को तापमान में 3 से 5 डिग्री की गिरावट होने की संभावना है।

मौसम विभाग के आंकड़ों की बात करें तो दिन और रात के तापमान में गिरावट देखी गई। पश्चिमी मप्र में रात का तापमान तेजी से लुढ़का है। भोपाल और उज्जैन में दिन का तापमान सात डिग्री से ज्यादा गिरा है। प्रदेश में सबसे ठंडा गुना-ग्वालियर रहे। दोनों जगह 10.6, धार-रायसेन में 11.2, सागर में 11.3, इंदौर-पचमढ़ी में 11.4, खजुराहो में 11.8, रतलाम-उज्जैन-नरसिंहपुर में 12, नौगांव में 12.3, भोपाल में 12.4, दमोह में 12.5 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। मंडला प्रदेश में सबसे गर्म रहा। यहां 32 डिग्री अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक मप्र में कंपकंपा देने वाली हवाएं चल रही हैं। देश के ऊपरी हिस्स में हुई बर्फबारी-बारिश का असर मप्र के मौसम पर पड़ने लगा है। उत्तर से आने वाली हवाएं पारा लुढ़का रही हैं। वर्तमान में उत्तर भारत क्षेत्र में कोई प्रभावी मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। उत्तर भारत को प्रभावित कर रहा पश्चिमी विक्षोभ आगे बढ़ गया है। उसके प्रभाव से राजस्थान पर बना प्रेरित चक्रवात भी खत्म हो गया है। इससे हवा का रुख उत्तरी हो गया है। जानकारों की मानें तो मौसम का इस तरह का मिजाज अभी तीन दिन तक बना रह सकता है। 2 और 3 फरवरी को तापमान में और गिरेगा।

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Author: jtvbharat