पंचेश्वर धाम परिसर में सातवे दिन श्रोताओं की भारी भीड़ उमड़ी
शुक्रवार को कथा का होगा समापन एवं कथा का समय दोपहर को 2 बजे से सांय 5 तक रहेगा।
साजिद शेख-
आलीराजपुर प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में भजन करना चाहिए। भजन करने वाले को भोजन कुछ कम करना चाहिए। बार.बार कांच या शीशे में मुॅह देखने से व्यक्ति का पावर खत्म हो जाता हैए वह डाउन हो जाता है। इष्यार् नाम के अवगुण को मंथरा कहते है। किसी से इष्यार् करना ही मंथरा का काम है। भगवान राम का नाम लेने से जीवन को मुक्ती मिलती है। किसी साधु की संगत करोगे तो सत्संगी बनोगे जिसके साथ जैसी संगत करोगे वैसा ही बनोगे। इसलिए जीवन में संगत अच्छे व्यक्ति की करना चाहिए। मां.बाप की सेवा करना व सम्मान करना प्रत्येक व्यक्ति का धमर् हैए उनके साथ अटपटा व्यवहार नही करना चाहिए। आजकल के लोग माता.पिता की ईच्छाओं का सम्मान नही करते हैए उन्हें वृद्धाश्रम में रखकर व छोड़कर आ जाते हैए जबकि भगवान राम ने हमेशा अपने माता.पिता की इच्छा को सर.आंखों पर रखा। उपरोक्त मधूर वचन पंचेश्वर धाम परिसर पर आयोजित श्री रामकथा के सातवे दिन अयोध्या धाम से पधारी कथावाचक पूज्या शीतल दीदी ने व्यासपीठ पर विराजमान होकर कही।
कथा का आयोजन सर्व हिन्दू समाज महिला मण्डल के द्वारा किया जा रहा है। कथा के पूवर् सवर्समाज महिला मण्डल की सदस्यों एवं सचिन राठौड़ व पाषर्द सुनिता राठौड़ ने व्यासपीठ का पूजन किया। कथा मंे आगे पूज्या शीतल दीदी ने कहा कि अयोध्या में राज्याभिषेक की तैयारी हो रही थी। पूरी अयोध्या सज गई थी। मंथरा व कैकय का प्रसंग का वणर्न करते हुए पूज्या शीतल दीदी ने कहा कि मंथरा ने कैकय को भगवान राम के बारे मंे भड़काया व राम की जगह भरत को गद्दी सौंपने व राम को अयोध्या से बाहर भेजने की बात कही। जब कैकय ने राजा दशरथ से वरदान मांगा और कैकय को भरोसा नही हुआए तो राजा दशरथ ने कैकय से कहा कि रघुकुल रीत सदा चली आयीए प्राण जाये पर वचन न जाये। कैकय ने राजा दशरथ से वरदान मांगा की मुझे दो वरदान चाहिएए पहला कि मेरे पुत्र भरत को अयोध्या का राज्य सौंपा जाये व दूसरा राम को 14 वर्ष वनवास के लिए भेजा जाये। पहला वचन तो राजा दशरथ ने तुरन्त मान लिया लेकिन दूसरे वचन के लिए कैकय को यह बोला कि राम ने तेरा क्या बिगाड़ा हैए भगवान राम को तु वनवास क्यों भेंज रही है। जब यह बात भगवान राम को पता चलाए तो कैकय के दोनों वरदान सुनकर भगवान राम हंसने लगे व खुश हुए व नाचने लगे। भगवान राम ने कहा कि मैं वनवास भी जाउंगा व भरत को अयोध्या का राजा बनायेंगे। भगवान राम के साथ सेवक के रूप मंे लक्ष्मण भी वनवास साथ में गए। राम जी ने पहली बार अपने पिता दशरथ को इतना व्याकुल और दुखी देखा।
जैसे ही पूज्या शीतल दीदी ने पुष्प तु कितनी अच्छी हैए तु कितनी भोली है ओ मां.ओ मां पुष्ष् राम नाम बोलो मन हरि राम बोलो रे पुष्प पुष्प जीवन ना रंग बदलता जाये सुख और देखी तेरी छायाष्ष्ए भजन गाया तो श्रद्धालु पूरे प्रांगण में नृत्य से झूम उठे व तालीयों से पूरा पाण्डाल गुंज उठा।
मीडिया प्रभारी कृष्णकान्त बेड़िया ने बताया कि आज शुक्रवार को कथा का समापन होगा एवं कथा का समय दोपहर को 2 बजे से सांय 5 तक रहेगा। कायर्क्रम का संचालन कमल राठौड़ ने किया। मंच पर जिला पंचायत अध्यक्ष अनिता नागर सिंह चैहानए जनपद अध्यक्ष सुनिता इन्दरसिंह चैहान पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष रितेश डावर धमेर्न्द्र जायसवाल आज की नारी ग्रुप की अध्यक्ष प्रतिभा पंचोली सहित सभी सदस्यए मां शारदा मण्डल के सभी सदस्यए राठौड़ समाज अध्यक्ष किशनलाल राठौड़ युवा मंच अध्यक्ष कमल राठौड़ एवं राठौड़ समाज के सदस्य व ब्राह्मण समाज अध्यक्ष अजय शर्मा राजेश गुप्ता राजेश उपाध्याय का पूज्या शीतल दीदी दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया एवं आरती का लाभ लिया। आज की आरती के यजमान राठौड़ समाज प्रजापति समाजए परिहार समाज सचिन राठौड़ व पाषर्द सुनिता राठौड़ थी। अंत में महा आरती के साथ फलिहारी खिचड़ी की प्रसादी का वितरण हुआ।