मध्यप्रदेश की नई आबकारी नीति से उमा खुश, अब चलाएंगी ‘शराब छोड़ो दूध पियो’ अभियान

मध्यप्रदेश कैबिनेट ने रविवार को नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। सब कुछ स्क्रिप्टेड था। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के रुख को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी सुझाई अधिकांश बातों को आबकारी नीति में जगह दी है। इससे उमा भारती खुश हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पहले से ही गौ वंश पर आधारित ऑर्गेनिक खेती में बहुत आगे बढ़ चुका है। “शराब छोड़ो दूध पियो” अभियान को हम और सशक्त करके सरकार का सहयोग करेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने नई आबकारी नीति को मंजूरी मिलने के एक दिन बाद एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश मंत्रिपरिषद की रविवार सायंकाल हुई बैठक में हमारी सरकार द्वारा घोषित की गई शराब नीति ऐतिहासिक एवं क्रांतिकारी निर्णय है। इसके लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी का मध्यप्रदेश के सभी नागरिकों खासकर महिलाओं की तरफ से अभिनंदन।

उमा भारती ने नई आबकारी नीति की कुछ खास बातों को भी रेखांकित किया हैं। उन्होंने लिखा कि शराब की दुकान के सामने बैठकर शराब पीने का पूर्णतया: निषेध किया गया है। पूरे प्रदेश के अहाते बंद करने का निर्णय एवं शराब पीकर वाहन चलाने पर सजा के प्रावधान इस नीति के वह विशेष अंग हैं जो शराब नीति के लिए मध्यप्रदेश को मॉडल स्टेट बना रहे हैं। शिवराज सिंह जी ने अपनी सरकार के इरादे स्पष्ट कर दिए कि जनहित हमारे लिए सर्वोपरि है।

जिन दुकानों का विरोध हुआ, वहां नीलामी नहीं होगी
उमा भारती ने कहा कि इस शराब नीति का यह बिंदु बहुत महत्वपूर्ण है कि जिन शराब की दुकानों के लिए भारी जन विरोध हुआ है, उनकी नीलामी ही नहीं होगी। इसलिए जब नई शराब नीति का क्रियान्वयन होगा तो सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को तथा पुलिस एवं प्रशासन को बहुत सजग रहना होगा।

अन्य राज्यों के लिए यह मॉडल नीति
उमा भारती ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने अपनी वचनबद्धता पूरी की, अब आपको अपना कर्तव्य पूरा करना है। इस शराब नीति से मेरे बड़े भाई ने व्यक्तिगत तौर पर मुझे परम संतोष एवं गौरव प्रदान किया है। मुझे विश्वास है कि शिवराज जी द्वारा घोषित की गई नई शराब नीति अन्य राज्यों के लिए भी मॉडल नीति बन जाएगी।

क्यों खुश हैं उमा भारती
उमा भारती पिछले डेढ़ साल से प्रदेश में शराबबंदी की मांग कर रही हैं। डेढ़ साल पहले उन्होंने भोपाल की एक शराब दुकान पर पत्थर फेंककर अपना कैम्पेन शुरू किया था। इसके बाद निवाड़ी में तो एक शराब दुकान के सामने गाय को बांध दिया था। अपने अभियान में लगातार वह सरकार की पिछली आबकारी नीति की आलोचना कर रही थी। पिछले दिनों संघ का भी उमा भारती को साथ मिला था और शिवराज सरकार ने आबकारी नीति पर विचार करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई थी। नई नीति में उमा भारती के ज्यादातर सुझावों को जस का तस स्वीकार किया गया है, जिससे वह खुश हैं।

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Author: jtvbharat