राजधानी में गैस पीड़ितों के इलाज के लिए शुरू किए गए भोपाल मेमोरियल अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर से मंगलवार को कार्डियोलाजी विभाग के दो डाक्टरों ने इस्तीफा दे दिया। कार्डियोलाजिस्ट डा. आयुष जैन और डा. आशीष ने अस्पताल की निदेशक डा. प्रभा देशीकन को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। अब दोनों डॉक्टरों एक महीने का नोटिस पीरियड पर अस्पताल में रहेंगे। इसके पूर्व विभाग के सर्जन डा. संजीव गुप्ता भी इस्तीफा दे चुके हैं। इससे एक माह बाद अस्पताल में कार्डियोलाजी विभाग पूरी तरह से बंद होने की नौबत आ सकती है। यानी अस्पताल में हृदय रोगियों को अच्छा इलाज नहीं मिल सकेगा।
बंद पड़े हैं आंकोलाजी और नेफ्रोलाजी विभाग
कार्डियोलाजी विभाग से पूर्व अस्पताल में पहले ही कैंसर रोग का आंकोलाजी और किडनी रोग का नेफ्रोलाजी विभाग बंद पड़े हुए हैं। इससे कैंसर और किडनी रोगों से परेशान गैस पीड़ितों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ रहा है। वहीं कुछ दिनों में एनिस्थीसिया विभाग के दो विशेषज्ञ भी इस्तीफा दे सकते हैं।
10 सालों में 36 डाक्टरों ने छोड़ा दामन
वर्ष 2012 से अब तक 36 डाक्टर बीएमएचआरसी से इस्तीफा दे चुके हैं। 2020 में एक साथ 14 चिकित्सकों ने इस्तीफा दिया था। अस्पताल प्रबंधन द्वारा डाक्टरों की भर्ती प्रक्रिया में 10 असिस्टेंट प्रोफेसर चयनित किए गए थे, लेकिन इनमें से सिर्फ एक डाक्टर ने ही कार्यभार ग्रहण किया था।
गैस पीड़ितों को नहीं मिल सकेगा बेहतर इलाज
अस्पताल के विभागों की मशीनें बंद पड़ी हुई हैं। एक के बाद एक डाक्टर अपना इस्तीफा सौंप रहे हैं। इससे चिकित्सा सेवाएं बिगड़ेंगी। यदि जल्दी ही खाली पद नहीं भरे गए तो गैस पीड़ितों को बेहतर इलाज नहीं मिल सकेगा।