प्रदेश की सबसे बड़ी गोशाला लाल टिपारा मुरार में अनूठी वैदिक होली मनाई जाती है। यह गोमय होली आज मनाई जाएगी। इसमें में शामिल होने वाले सदस्य एक दूसरे के साथ गाय के गाेबर के साथ होली खेलेंगे। मान्यता है गायब के गोबर को लगाने से कई चर्म रोग स्वत: ही खत्म हो जाते हैं।
ऐसे तैयार किया है रंग और गुलाल
गोशाला के प्रमुख ऋषि महाराज ने बताया कि गोमय होली के लिए गौ के कंडों की भस्मी, अरारोट, गुलाब, पालक, चकुंदर का गुलाल तैयार किया गया है। इसके साथ ही टेसू के फूले व गेंदे के फूलों से प्राकृतिक रंग तैयार किया है। यहां होली के दिन आने वालों को सबसे पहले गोबर से स्नान कराया जाता है। इसके बाद शुद्ध जल से स्नान कर एक दूसरे को प्राकृतिक गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दी जाती हैं। इस होली में ग्वालियरवासियों के अलावा अंचल के अन्य जिलों के लोग भी शामिल होते हैं।