प्रदेश विधानसभा के पूर्व विधायकों का स्नेह मिलन समारोह शनिवार को विधानसभा के सभागार में आयोजित किया गया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि विधानसभा और लोकसभा-राज्यसभा के कम चलने, कम बैठकें होने पर चिंता जताते हुए इसके लिए संवैधानिक स्तर पर उसमें संशोधन करने की आवश्यकता है।
गिरीश गौतम ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी राजनीतिक व्यक्ति के सामने काम करते वक्त तीन अवस्थाएं होती हैं। पहला भूतकाल का पश्चाताप वर्तमान का तनाव और भविष्य की चिंता। इन तीनों परिस्थितियों से हर पार्टी के कार्यकर्ता का सामना करना पड़ता है। आज पूरे देश के भीतर विधान सभाओं के जो हालात हैं। उनका कम चलना बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने पूर्व विधायकों को आश्वासन दिया कि 60 हजार रुपए महीना पेंशन दिलाने का प्रयास करुंगा। विधायक विश्राम गृह में 25 कक्ष पूर्व विधायकों के लिए आरक्षित रहेंगे। छह दिन नि:शुल्क रह सकेंगे। विधानसभा की तरफ से खाना और नाश्ता भी देंगे।
घटती विश्वसनीयता को सुधारना होगा
गौतम ने कहा कि आज के दौर में विधायकों के आपस में टकराव चिंता का विषय है। देश के सामने एक नया वाकया सामने आया है। 6 करोड़ 85 लाख मामले देशभर की अदालतों में लंबित हैं। इसके बावजूद भी जनता का विश्वास न्यायपालिका से हटा नहीं है। क्योंकि विश्वास लंबित होने के बाद ही न्यायपालिका पर है। यह कोई नहीं कहता कि विधानसभा में प्रश्न लगा देते हैं। हमारे प्रति अविश्वास का जो वातावरण पैदा हो रहा है, इसे ठीक करने की जरूरत है। इसीलिए वर्तमान विधायकों से कहता हूं कि भाषण में कहते हो कि लोकतंत्र के मंदिर के हम पुजारी हैं। पर यह बात हमेशा ध्यान रखें कि मंदिर के प्रति विश्वास तभी प्रकट होगा जब पुजारी का आचरण पूजा लायक होगा। आज उस आचरण और कार्य की जरूरत है कि जनता का विश्वास हमारे प्रति बढ़े, विधायकों को ऐसा आचरण करना होगा।
हमें भी काम दीजिए, अध्यक्ष जी
पूर्व विधायक कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि विधानसभा की गरिमा बननाना पक्ष और विपक्ष दोनों का काम है। हम अभूतपूर्व विधायक है। अभी भी सकारात्मक काम कर सकते है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष जी हम भी काम कर सकते है। हमें काम दीजिए। हमें सरकारी योजना जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना की मॉनीटरिंग के काम दे सकते हैं।
पेंशन बढ़ाने की बात बोले तो फिजूलखर्ची
पूर्व विधायक जसवंत सिंह ने कहा कि पूर्व विधायकों की इतनी आलोचना होती है, जितनी डाकुओं की भी नहीं होती। हमारी कोई मांग आई और आलोचना शुरू। उन्होंने कहा कि प्रवासी सम्मेलन करो, चीते, पैंथर लाओ हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन पूर्व विधायक की पेंशन बढ़ाने की बात आती है तो फिजूल खर्चा बताते हैं।
पूर्व विधयाकों को बनाए आमंत्रित सदस्य
पूर्व विधायक और मंत्री डॉ. गोरीशंकर शेजवार ने अपने संबोधन में सुझाव दिया कि पूर्व विधायक मंडल और पूर्व विधायक परिषद एक हो जाएंगे तो हमारा बल बढ़ेगा। जिला योजना समिति में पूर्व विधायकों को आमंत्रित सदस्य बनाया जा सकता है। इससे हमें भी सम्मान मिलेगा।
परंपराओं को तोड़ा जा रहा है
पूर्व विधायक नारायण सिंह केसरी ने कहा कि आज प्रोटोकॉल की परंपराओं को टूटता देखकर दु:ख होता है। सरकार में वित्त मंत्री और कई बार सांसद रहे स्व. फूलचंद वर्मा के देहांत पर परंपरा को तोड़ा गया। तीन पुलिस कर्मियों को गार्ड ऑफ आनर के लिए भेज दिया गया। ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।