अलग-अलग स्थानों पर बनी पांच मौसम प्रणालियों के असर से मध्य प्रदेश के अधिकतर शहरों में बादल छाए हुए हैं। साथ ही रुक-रुककर वर्षा भी हो रही है। इसी क्रम में पिछले 24 घंटों के दौरान रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक खजुराहो में 33, मलाजखंड में 16.4, भोपाल में 10.4, खंडवा में 8.1, बैतूल में 6.8, गुना में 5.4, मंडला में 5.2, रतलाम में 5.0, सागर में 4.1, उज्जैन में 3.0, नर्मदापुरम में 1.6, सिवनी में 1.4, रायसेन में 1.4, दमोह में 1.0 और इंदौर में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुर्इ। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी मिलने के कारण मध्य प्रदेश के अधिकतर शहरों में वर्षा हो रही है। मौसम का इस तरह का मिजाज अभी दो दिन तक बना रहने की संभावना है।मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ जबलपुर के आसपास बना हुआ है। एक नया पश्चिमी विक्षोभ ईरान और अफगानिस्तान के बीच में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। राजस्थान के मध्य में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। राजस्थान और उससे लगे पश्चिमी मध्य प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में भी चक्रवात बना हुआ है। साथ ही इस चक्रवात से लेकर छत्तीसगढ़, ओडिशा होते हुए बंगाल की खाड़ी तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। अलग–अलग स्थानों पर बनी इन पांच मौसम प्रणालियों के असर से अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। इस वजह से पूरे मध्य प्रदेश में बादल छाए हुए हैं। साथ ही गरज–चमक के साथ वर्षा हो रही है। शुक्ला के मुताबिक 21 मार्च तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रह सकता है।