वर्षा और ओलावृष्टि से 25 जिलों में गेहूं और चना की फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। कई स्थानों पर खेतों में फसल कटने की स्थिति में है तो कई जगह कट चुकी है। दोनों ही स्थिति में फसलों को नुकसान पहुंचा है।
सरकार ने कलेक्टरों को सर्वे करके किसानों को राजस्व परिपत्र पुस्तक के प्रविधान अनुसार आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। उधर, कांग्रेस ने सर्वे कराने के स्थान पर किसानों को सीधे आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग सरकार से की है।
प्रदेश के मंडला, डिंडौरी, छतरपुर, दमोह, खंडवा, खरगोन, उमरिया, उज्जैन, छिंदवाड़ा, बालाघाट, भोपाल, बैतूल, गुना, रतलाम, सागर, उज्जैन, नर्मदापुरम, सिवनी, रायसेन, इंदौर, नरसिंहपुर सहित अन्य जिलों में वर्षा और ओलावृष्टि से फसलें प्रभावित हुई हैं।
नरसिंहपुर जिले के तूमड़ा गांव के सौरभ दीक्षित ने बताया कि चना कट रहा है और वर्षा हो रही है। इससे थ्रेसिंग नहीं हो पा रही है। वहीं, पूर्व कृषि संचालक जीएस कौशल ने बताया कि फसल खेत में खड़ी हो या फिर कटकर रखी हो, उसे वर्षा और ओलावृष्टि से नुकसान पहुंचा है। गेहूं के दाने प्रभावित हुए हैं।
अब किसानों को उपज की कीमत भी नहीं मिलेगी, जबकि इस बार मांग को देखते हुए अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद थी। उधर, सरकार ने फसलों को हुए नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं ताकि किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा सके। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने सरकार से मांग की है कि सर्वे का इंतजार करने के स्थान पर किसानों को नजरिया आकलन करके राहत पहुंचाई जाए।