चंबल नदी में बहे तीन और लोगों के शव मिले, दो अभी भी लापता

मुरैना के संबलगढ़ में चंबल नदी पार कर राजस्थान के करौली स्थित कैलादेवी मंदिर जाते समय हुए हादसे में मृतकों की संख्या पांच हो गई है। शनिवार को दो शव मिलने के बाद रविवार को तीन और शव मिल गए।
प्रशासन का कहना है कि अभी लापता दो लोगों की तलाश में रेस्क्यू दल जुटा हुआ है। इसके बाद सभी के आर्थिक सहायता के प्रकरण तैयार किए जाएंगे, फिलहाल पंचायत की ओर से अंतिम संस्कार के लिए पांच-पांच हजार की आर्थिक सहायता दी गई है।चंबल नदी में डूबे श्रद्धालुओं में से कल्लो कुशवाह और उनके जेठ देवकीनंदन का शव शनिवार को मिल गए था। दोनों को रविवार की सुबह अंतिम संस्कार कर दिया गया। रविवार की सुबह अलोपा का शव वहीं शाम छह बजे रश्मि कुशवाह व रुकमणि कुशवाह का शव भी नदी में मिल गया है।
श्रद्धालुओं के जत्थे में शामिल चेंऊ कुशवाह ने बताया कि सभी लोग एक दूसरे का हाथ पकड़ कर आगे बढ़ रहे थे। इसी घाट से उनके पहले भी एक जत्था उसी जगह से गुजर कर गया था। हमारे जत्थे में एक व्यक्ति का पैर गहरे में चला गया। इसी के चलते सब पानी में बहने लगे।
जो लोग तैरना नहीं जानते थे उन्होंने एक दूसरे को कस का पकड़ लिया। ऐसे में जो लोग तैरना भी जानते थे वह भी बह गए। धनीराम कुशवाह ने बताया कि वह तैरना जानता था इसलिए पानी के बहाव में भी खुद को बचाने में सफल रहा। उसने दो महिलाओं को गहरे पानी से बाहर निकाल लिया।
मुरैना से चंबल नदी को पार करने के महज चार रास्ते हैं। जिसमें एक रास्ता पक्के पुल से राजघाट मुरैना में, बाकी तीन रास्ते पांटून पुल सबलगढ़, अंबाह व पोरसा में बने हुए हैंस लेकिन नदी कई जगह पर छिछली भी है। जहां से इस बड़ी नदी को लोग पैदल भी पार कर जाते हैं। इसी बीच यहां कई बार हादसे भी हो जाते हैं।
शनिवार को शिवपुरी के श्रद्धालुओं के साथ हुए हादसे से पहले भी चंबल पर अलग अलग घाटों पर हादसे होते रहे हैं। सबलगढ़ क्षेत्र के आधा दर्जन घाट ऐसे है। जहां गर्मी के दिनों में पानी महज कुछ फीट ही रह जाता है। जहां से लोग पैदल गुजरते हैं। कुछ जगह पर राजस्थान की ओर से रेत का अवैध उत्खनन कर ट्रैक्टर नदी के बीचों बीच से गुजकर मध्य प्रदेश की सीमा में प्रवेश करते हैं। कैलादेवी जाने वाले पैदल यात्री भी इन्हीं घाटों का कई बार राजस्थान की सीमा में जाने के लिए उपयोग करते हैं।

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Author: jtvbharat