जिला न्यायालय की नई इमारत के काम की सुस्त गति को लेकर हाई कोर्ट में सुनवाई आज

पीपल्याहाना तालाब के पास निर्माणाधीन जिला न्यायालय की नई इमारत के आधे अधूरे काम और इस काम की सुस्त गति को लेकर हाई कोर्ट में चल रही जनहित याचिका में सोमवार को सुनवाई होना है। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर पूछा था कि इमारत का काम इतनी धीमी गति से क्यों चल रहा है। इसके निर्माण के लिए जो समय तय किया गया था वह बीत चुका है। ऐसे में काम की गति बढ़ाने के लिए क्या योजना है। शासन ने याचिका में अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया है। हालांकि अब तक यह सार्वजनिक नहीं हुआ है। याचिका में प्रमुख सचिव, जिला कलेक्टर, पीडल्यूडी के प्रोजेक्ट इंजीनियर, हर्ष कंस्ट्रक्शन प्रा.लि पक्षकार हैं। पीपल्याहाना तालाब के समीप जिला न्यायालय की नई इमारत का निर्माण करीब पांच वर्षों से चल रहा है। कभी महामारी की वजह से तो कभी लागत बढ़ने की वजह से इसका काम अटकता रहा है। इमारत कब पूरी होगी, यह अब भी स्पष्ट नहीं है। जिला न्यायालय की वर्तमान इमारत में बहुत ही छोटे-छोटे न्यायालय कक्ष हैं। इनकी वजह से न्यायाधीश, वकील और पक्षकार परेशान होते रहते हैं। वर्षा के दिनों में तो स्थिति और बिगड़ जाती है। जिला न्यायालय में हर न्यायालय में हजारों की संख्या में प्रकरण लंबित हैं। रोजाना हजारों पक्षकार यहां पहुंचते हैं। कई बार तो न्यायालय कक्षों में पक्षकारों और वकीलों के खड़े रहने तक की जगह नहीं होती है। पीपल्याहाना तालाब के समीप जिला न्यायालय की नई इमारत का काम शुरू हुआ था तो वकीलों को उम्मीद थी कि उन्हें जल्द ही जिला न्यायालय का नया भवन मिल जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कभी कोरोना की वजह से तो कभी लागत बढ़ने की वजह से और कभी इसके निर्माण को लेकर विरोध के चलते निर्माण का काम अटकता रहा।

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Author: jtvbharat